मनोरमा (उपन्यास) : मुंशी प्रेमचंद (अध्याय 1-अध्याय 10)

मनोरमा (उपन्यास) : मुंशी प्रेमचंद

मनोरमा (उपन्यास) : मुंशी प्रेमचंद (अध्याय 1-अध्याय 11) मनोरमा अध्याय 1 मुंशी वज्रधर सिंह का मकान बनारस में है। आप हैं राजपूत, पर अपने को ‘मुंशी’ लिखते और कहते हैं। ‘ठाकुर’ के साथ आपको गंवारपन का बोध होता है। बहुत छोटे पद से तरक्की करते-करते आपने अन्त में तहसीलदार का उच्च पद प्राप्त कर लिया …

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