मछुआरे (मलयालम उपन्यास) : तकषी शिवशंकर पिल्लै, अनुवादक-भारती विद्यार्थी Part 1
मछुआरे (मलयालम उपन्यास) : तकषी शिवशंकर पिल्लै, अनुवादक-भारती विद्यार्थी Part 1 खण्ड : एक १ “बप्पा नाव और जाल खरीदने जा रहे हैं।” “तुम्हारा भाग्य।” करुत्तम्मा से कोई जवाब देते नहीं बना। लेकिन उसने तुरन्त परिस्थिति पर काबू पा लिया। उसने कहा, “रुपये काफी नहीं हैं। क्या उधार दे सकते हो ?” हाथ धोकर दिखाते …