गूंजी हिन्दी विश्व में – कैदी कविराय की कुण्डलियाँ (हिन्दी कविता) : अटल बिहारी वाजपेयी

गूंजी हिन्दी विश्व में

गूंजी हिन्दी विश्व में,
स्वप्न हुआ साकार;
राष्ट्र संघ के मंच से,
हिन्दी का जयकार;
हिन्दी का जयकार,
हिन्दी हिन्दी में बोला;
देख स्वभाषा-प्रेम,
विश्व अचरज से डोला;
कह कैदी कविराय,
मेम की माया टूटी;
भारत माता धन्य,
स्नेह की सरिता फूटी!

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