अनुशासन पर्व- कैदी कविराय की कुण्डलियाँ (हिन्दी कविता) : अटल बिहारी वाजपेयी

अनुशासन पर्व

अनुशासन का पर्व है,
बाबा का उपदेश;
हवालात की हवा भी
देती यह सन्देश:
देती यह सन्देश,
राज डण्डे से चलता;
जब हज करने जाएँ,
रोज़, कानून बदलता;
कह कैदी कविराय,
शोर है अनुशासन का;
लेकिन ज़ोर दिखाई
देता दु:शासन का।

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