धरे गए बंगलौर में- कैदी कविराय की कुण्डलियाँ (हिन्दी कविता) : अटल बिहारी वाजपेयी

 धरे गए बंगलौर में

धरे गए बंगलौर में,
अडवानी के संग;
दिन-भर थाने में रहे,
हो गई हुलिया तंग;
हो गई हुलिया तंग,
श्याम बाबू भन्नाए;
‘प्रात: पकड़े गए,
न अब तक जेल पठाए ?’
कह कैदी कविराय,
पुराने मंत्री ठहरे;
हम तट पर ही रहे,
मिश्र जी उतरे गहरे।

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