धरे गए बंगलौर में
धरे गए बंगलौर में,
अडवानी के संग;
दिन-भर थाने में रहे,
हो गई हुलिया तंग;
हो गई हुलिया तंग,
श्याम बाबू भन्नाए;
‘प्रात: पकड़े गए,
न अब तक जेल पठाए ?’
कह कैदी कविराय,
पुराने मंत्री ठहरे;
हम तट पर ही रहे,
मिश्र जी उतरे गहरे।