जेल की सुविधाएँ- कैदी कविराय की कुण्डलियाँ (हिन्दी कविता) : अटल बिहारी वाजपेयी

जेल की सुविधाएँ

डाक्टरान दे रहे दवाई,
पुलिस दे रही पहरा;
बिना ब्लेड के हुआ खुरदरा,
चिकना-चुपड़ा चेहरा;
चिकना-चुपड़ा चेहरा,
साबुन, तेल नदारत;
मिले नहीं अखबार,
पढ़ेंगे नई इबारत;
कह कैदी कविराय,
कहां से लाएँ कपड़े;
अस्पताल की चादर,
छुपा रही सब लफड़े।

Leave a Comment