मंत्रिपद तभी सफल है- कैदी कविराय की कुण्डलियाँ (हिन्दी कविता) : अटल बिहारी वाजपेयी

मंत्रिपद तभी सफल है

बस का परमिट मांग रहे हैं,
भैया के दामाद;
पेट्रोल का पंप दिला दो,
दूजे की फरियाद;
दूजे की फरियाद,
सिफारिश काम बनाती;
परिचय की परची,
किस्मत के द्वार खुलाती;
कह कैदी कविराय,
भतीजावाद प्रबल है;
अपनों को रेवड़ी,
मंत्रिपद तभी सफल है!

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