गीत नया गाता हूँ-अनुभूति के स्वर-(हिन्दी कविता)-मेरी इक्यावन कविताएँ – अटल बिहारी वाजपेयी
गीत नया गाता हूँ गीत नया गाता हूँ टूटे हुए तारों से फूटे बासंती स्वर पत्थर की छाती मे उग आया नव अंकुर झरे सब पीले पात कोयल की कुहुक रात प्राची मे अरुणिम की रेख देख पता हूँ गीत नया गाता हूँ टूटे हुए सपनों की कौन सुने सिसकी अन्तर की चीर व्यथा पलकों …