तितली (उपन्यास) तृतीय खंड : जयशंकर प्रसाद

तितली (उपन्यास) तृतीय खंड : जयशंकर प्रसाद

तितली (उपन्यास) तृतीय खंड : जयशंकर प्रसाद 1 निर्धन किसानों में किसी ने पुरानी चादर को पीले रंग से रंग लिया, तो किसी की पगड़ी ही बचे हुए फीके रंग से रंगी है। आज बसंत-पंचमी है न ! सबके पास कोई न कोई पीला कपड़ा है। दरिद्रता में भी पर्व और उत्‍सव तो मनाए ही …

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तितली (उपन्यास) द्वितीय खंड : जयशंकर प्रसाद

तितली (उपन्यास) द्वितीय खंड : जयशंकर प्रसाद

तितली (उपन्यास) द्वितीय खंड : जयशंकर प्रसाद 1 पूस की चांदनी गांव के निर्जन प्रांत में हल्‍के, कुहासे के रूप में साकार हो रही थी। शीतल पवन जब घनी अमराइयों में हरहराहट उत्‍पन्न करता, तब स्‍पर्श न होने पर भी गाढ़े के कुरते पहनने वाले किसान अलावों की ओर खिसकने लगते। शैला खड़ी होकर एक …

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तितली (उपन्यास) प्रथम खंड : जयशंकर प्रसाद

तितली (उपन्यास) प्रथम खंड : जयशंकर प्रसाद

तितली (उपन्यास) प्रथम खंड : जयशंकर प्रसाद 1 क्यों बेटी! मधुवा आज कितने पैसे ले आया? नौ आने, बापू! कुल नौ आने! और कुछ नहीं? पाँच सेर आटा भी दे गया है। कहता था, एक रुपये का इतना ही मिला। वाह रे समय-कहकर बुड्ढा एक बार चित होकर साँस लेने लगा। कुतूहल से लड़की ने …

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आनंदमठ (बंगला उपन्यास) : बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय

आनंदमठ (बंगला उपन्यास) : बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय

Contents1 उपक्रमणिका2 प्रथम परिच्छेद3 द्वितीय परिच्छेद4 तृतीय परिच्छेद5 चतुर्थ परिच्छेद आनंदमठ (बंगला उपन्यास) : बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय उपक्रमणिका दूर-दूर तक फैला हुआ जंगल जंगल में ज्यादातर पेड़ शाल के थे, लेकिन इनके अलावा और भी कई तरह के पेड़ थे। शाखाओं और पत्तों से जुड़े हुए पेड़ों की अनंत श्रेणी दूर तक चली गयी थी। विच्छेद-शून्य, …

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कपाल कुण्डला (बंगला उपन्यास) : बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय Part 4

कपाल कुण्डला (बंगला उपन्यास) : बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय Part 4

Contents1 चौथा खण्ड2 :१: शयनागार में3 :२: जंगल में4 :३: स्वप्न में5 :४: संकेतानुसार6 :५: दरवाजे पर7 :६: पुनर्वार्ता8 :७: सपत्नी संभाषण9 :८: घर की तरफ10 :९: प्रेत भूमि में कपाल कुण्डला (बंगला उपन्यास) : बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय Part 4 चौथा खण्ड :१: शयनागार में राधिकार बेड़ी भाङ, ए मम मिनति।ब्रजाङ्गना काव्य लुत्फुन्निसाके आगरा जाने और …

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कपाल कुण्डला (बंगला उपन्यास) : बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय Part 3

कपाल कुण्डला (बंगला उपन्यास) : बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय Part 3

Contents1 तृतीय खण्ड2 :१: भूतपूर्व में3 :२: दूसरी जगह4 :३: प्रतियोगिनी के घर5 :४: राज निकेतन में6 :५: अपने महल में7 :६: चरणों में8 :७: उपनगर के किनारे कपाल कुण्डला (बंगला उपन्यास) : बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय Part 3 तृतीय खण्ड :१: भूतपूर्व में “कष्टोऽयं खलु मृत्यु भावः” कपालकुण्डलाको लेकर नवकुमारने जब सरायसे घरकी यात्रा की तो …

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कपाल कुण्डला (बंगला उपन्यास) : बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय Part 2

कपाल कुण्डला (बंगला उपन्यास) : बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय Part 2

Contents1 द्वितीय खण्ड2 :१: शाही राहपर3 :२: सराय में4 :३: सुन्दरी-संदर्शन5 :४: पालकी सवारी से6 :५: स्वदेश में7 :६: अवरोध में कपाल कुण्डला (बंगला उपन्यास) : बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय Part 2 द्वितीय खण्ड :१: शाही राहपर “—There–now lean on me,Place your foot here.—Manfred. किसी लेखकने कहा है—“मनुष्यका जीवन काव्य विशेष है।” कपालकुण्डलाके जीवनकाव्यका एक सर्ग समाप्त …

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कपाल कुण्डला (बंगला उपन्यास) : बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय Part 1

कपाल कुण्डला (बंगला उपन्यास) : बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय Part 1

Contents1 प्रथम खण्ड2 : १ : सागर-संगम में3 :२: किनारे पर4 :३: विजन में5 :४: स्तूप-शिखर6 :५: समुद्रतट पर7 :६: कापालिक के साथ8 :७: खोज में !9 :८: आश्रम में10 :९: देव-मन्दिर में कपाल कुण्डला (बंगला उपन्यास) : बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय Part 1 प्रथम खण्ड : १ : सागर-संगम में “Floating straight obedient to the stream,”—Comedy …

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दुर्गेशनन्दिनी (बंगला उपन्यास) : बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय – अनुवादक : गदाधर सिंह

दुर्गेशनन्दिनी (बंगला उपन्यास) : बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय – अनुवादक : गदाधर सिंह

Contents1 प्रथम खण्ड2 प्रथम परिच्छेद : देवमन्दिर3 द्वितीय परिच्छेद : मोगल पठान4 तृतीय परिच्छेद : नवीन सेनापति5 चौथा परिच्छेद : मान्दारणगढ़6 पांचवां परिच्छेद : अभिराम स्वामी का मंत्र7 छठवां परिच्छेद : असावधानता8 सातवां परिच्छेद : बिमला का मंत्र9 आठवां परिच्छेद : कुलतिलक10 नौवां परिच्छेद : आसमानी दूती11 दसवां परिच्छेद : आसमानी का प्रवेश दुर्गेशनन्दिनी (बंगला …

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