श्रीकान्त (बांग्ला उपन्यास) : शरतचंद्र चट्टोपाध्याय Part 5
श्रीकान्त (बांग्ला उपन्यास) : शरतचंद्र चट्टोपाध्याय Part 5 अध्याय 9 कलकत्ते के घाट पर जहाज जा भिड़ा देखा, जेटी के ऊपर बंकू खड़ा है। वह सीढ़ी से चटपट ऊपर चढ़ आया और जमीन पर सिर टेक प्रणाम करके बोला, “माँ रास्ते पर गाड़ी में राह देख रही हैं। आप नीचे जाइए, मैं सामान लेकर पीछे …