रंगभूमि अध्याय 22 : मुंशी प्रेमचंद
रंगभूमि अध्याय 22 सैयद ताहिर अली को पूरी आशा थी कि जब सिगरेट का कारखाना बनना शुरू हो जाएगा, तो मेरी कुछ-न-कुछ तरक्की हो जाएगी। मि. सेवक ने उन्हें इसका वचन दिया था। इस आशा के सिवा उन्हें अब तक ऋणों को चुकाने का कोई उपाय न नजर आता था, जो दिनों-दिन बरसात की घास …