पाप का घड़ा भरा है- कैदी कविराय की कुण्डलियाँ (हिन्दी कविता) : अटल बिहारी वाजपेयी

 पाप का घड़ा भरा है

जन्म जहाँ श्रीकृष्ण का,
वहां मिला है ठौर;
पहरा आठों याम का,
जुल्म-सितम का दौर;
जुल्म-सितम का दौर;
पाप का घड़ा भरा है;
अत्याचारी यहां
कंस की मौत मरा है;
कह कैदी कविराय,
धर्म ग़ारत होता है;
भारत में तब सदा,
महाभारत होता है।

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