हिन्दू या मुस्लिम के अहसासात को मत छेड़िये- अदम गोंडवी

हिन्दू या मुस्लिम के अहसासात को मत छेड़िये-  अदम गोंडवी

हिन्दू या मुस्लिम के अहसासात को मत छेड़िये- अदम गोंडवी हिन्दू या मुस्लिम के अहसासात को मत छेड़िये अपनी कुरसी के लिए जज्बात को मत छेड़िये हममें कोई हूण, कोई शक, कोई मंगोल है दफ़्न है जो बात, अब उस बात को मत छेड़िये ग़र ग़लतियाँ बाबर की थीं; जुम्मन का घर फिर क्यों जले …

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गर चंद तवारीखी तहरीर बदल दोगे- अदम गोंडवी

गर चंद तवारीखी तहरीर बदल दोगे-  अदम गोंडवी

गर चंद तवारीखी तहरीर बदल दोगे- अदम गोंडवी गर चंद तवारीखी तहरीर बदल दोगे क्या इनसे किसी कौम की तक़दीर बदल दोगे जायस से वो हिन्दी की दरिया जो बह के आई मोड़ोगे उसकी धारा या नीर बदल दोगे ? जो अक्स उभरता है रसख़ान की नज्मों में क्या कृष्ण की वो मोहक तस्वीर बदल …

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आप कहते हैं सरापा गुलमुहर है ज़िन्दगी- अदम गोंडवी

आप कहते हैं सरापा गुलमुहर है ज़िन्दगी-  अदम गोंडवी

आप कहते हैं सरापा गुलमुहर है ज़िन्दगी- अदम गोंडवी आप कहते हैं सरापा गुलमुहर है ज़िन्दगी हम ग़रीबों की नज़र में इक क़हर है ज़िन्दगी भुखमरी की धूप में कुम्हला गई अस्मत की बेल मौत के लम्हात से भी तल्ख़तर है ज़िन्दगी डाल पर मज़हब की पैहम खिल रहे दंगों के फूल ख़्वाब के साये …

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