महापर्व शिवरात्रि – अनिता सुधीर आख्या

महापर्व शिवरात्रि – अनिता सुधीर आख्या

महापर्व शिवरात्रि – अनिता सुधीर आख्या महापर्व शिवरात्रि में,मिलन शक्ति-अध्यात्म का। कृष्ण चतुर्दश फाल्गुनी, प्रकृति-पुरुष एकात्म का।। पंच तत्त्व का संतुलन,यह शिवत्व आधार है। वैरागी को साधना, ही जीवन का सार है।। प्रकटोसव शिवरात्रि में, ऊर्जा का संचार है। द्वादश ज्योतिर्लिंग में, निराकार साकार है।। शिव गौरा के ब्याह की, आज मनोरम रात में। आराधन …

Read more

प्रदूषण– अनिता सुधीर आख्या

प्रदूषण– अनिता सुधीर आख्या

प्रदूषण– अनिता सुधीर आख्या नदी प्रदूषित मत करें,यह जीवन आधार है। धोते हैं क्यों पाप सब,स्वच्छ नीर अधिकार है।। माटी को बाँधे जड़ें, रोके मृदा कटाव को। स्वच्छ नदी की तलहटी,रोके बाढ़ बहाव को ।। बाढ़ और सूखा बने ,जीवन में अभिशाप जब। कहे नदी की धार फिर ,जतन करो मिल आप सब।। करें समापन …

Read more

उत्तर प्रदेश की नदी- अनिता सुधीर आख्या

उत्तर प्रदेश की नदी- अनिता सुधीर आख्या

उत्तर प्रदेश की नदी* धार्मिक महत्व को रखें,उत्तर प्रदेश की नदी। ग्रंथों में गाथा लिखे ,बीत गयी कितनी सदी।। गंगा यमुना गोमती,नदी प्रमुख है शारदा । चम्बल वरुणा घाघरा,सभी मिटातीं आपदा।।   गंगा प्रमुख नदी है देश की,गोमुख उद्गम जानिए। पंच प्रयागों से बनीं,पावन गंगा मानिए।। आकर फिर ऋषिकेश में,चलतीं हरि के द्वार अब। गढ़मुक्तेश्वर …

Read more

नदी (उल्लाला छंद)- अनिता सुधीर आख्या

नदी (उल्लाला छंद)- अनिता सुधीर आख्या

नदी (उल्लाला छंद)- अनिता सुधीर आख्या भूतल पर जलधार का,स्त्रोत झील हिमनद रहे। सरिता तटिनी शैलजा,नदी नद्य इसको कहे।। नदियाँ जीवन दायिनी,जल जीवन आधार है। मातु सरिस सब पूजते,ये संस्कृति का सार है।। कहीं जन्म ले बह चली,नीर जलधि में भर रही। विकसित होती सभ्यता,लालन पालन कर रही।।I रूप सदानीरा रहे,या बरसाती रूप हो। अविरल …

Read more

नवगीत : हिंदी- अनिता सुधीर आख्या

नवगीत : हिंदी- अनिता सुधीर आख्या

नवगीत : हिंदी- अनिता सुधीर आख्या राजभाषा ले लकुटिया पग धरे हर द्वार तक राह में अवरोध अनगिन हीनता का दंश दें स्वामिनी का भाव झूठा मान का कुछ अंश दें ये दिवस की बेड़ियां भी कब लड़ें प्रतिकार तक।। हूक हिय में नित उठे जो सौत डेरा डालती छीन कर अधिकार वो फिर बैर …

Read more