आओ फिर से दिया जलाएँ-अनुभूति के स्वर-(हिन्दी कविता)-मेरी इक्यावन कविताएँ – अटल बिहारी वाजपेयी
आओ फिर से दिया जलाएँ आओ फिर से दिया जलाएँ भरी दुपहरी में अंधियारा सूरज परछाई से हारा अंतरतम का नेह निचोड़ें- बुझी हुई बाती सुलगाएँ। आओ फिर से दिया जलाएँ हम पड़ाव को समझे मंज़िल लक्ष्य हुआ आंखों से ओझल वतर्मान के मोहजाल में- आने वाला कल न भुलाएँ। आओ फिर से दिया जलाएँ। …