काजर की कोठरी (उपन्यास) : देवकीनन्दन खत्री part 2

काजर की कोठरी (उपन्यास) : देवकीनन्दन खत्री part 2

काजर की कोठरी (उपन्यास) : देवकीनन्दन खत्री part 2 काजर की कोठरी : खंड-6 पारसनाथ अपने चाचा के हाल-चाल बराबर लिया करता था। उसने अपने ढंग पर कई ऐसे आदमी मुकर्रर कर रखे थे जो कि लालसिंह का रत्ती-रत्ती हाल उसके कानों तक पहुँचाया करते और जैसा कि प्रायः कुपात्रों के संगी-साथी किया करते हैं …

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काजर की कोठरी (उपन्यास) : देवकीनन्दन खत्री part 1

काजर की कोठरी (उपन्यास) : देवकीनन्दन खत्री part 1

काजर की कोठरी (उपन्यास) : देवकीनन्दन खत्री part 1 काजर की कोठरी : खंड-1 संध्या होने में अभी दो घंटे की देर है मगर सूर्य भगवान के दर्शन नहीं हो रहे , क्योंकि काली-काली घटाओं ने आसमान को चारों तरफ से घेर लिया है। जिधर निगाह दौड़ाइए मजेदार समा नजर आता है और इसका तो …

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