कटोरा भर खून (उपन्यास) : देवकीनन्दन खत्री Part 2

कटोरा भर खून (उपन्यास) : देवकीनन्दन खत्री Part 2

कटोरा भर खून (उपन्यास) : देवकीनन्दन खत्री Part 2 कटोरा भर खून : खंड-8 घटाटोप अंधेरी छाई हुई है, रात आधी से ज्यादा जा चुकी है, बादल गरज रहे हैं, बिजली चमक रही है, मूसलाधार पानी बरस रहा है, सड़क पर बित्ता-बित्ता-भर पानी चढ़ गया है, राह में कोई मुसाफिर चलता हुआ नहीं दिखाई देता। …

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कटोरा भर खून (उपन्यास) : देवकीनन्दन खत्री Part 1

कटोरा भर खून (उपन्यास) : देवकीनन्दन खत्री Part 1

कटोरा भर खून (उपन्यास) : देवकीनन्दन खत्री Part 1 कटोरा भर खून : खंड-1 लोग कहते हैं कि नेकी का बदला नेक और बदी का बदला बद से मिलता. है मगर नहीं, देखो, आज मैं किसी नेक और पतिव्रता स्त्री के साथ बदी किया चाहता हूँ। अगर मैं अपना काम पूरा कर सका तो कल …

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