भूतनाथ (उपन्यास) खण्ड 1 : देवकीनन्दन खत्री (दूसरा भाग)

भूतनाथ (उपन्यास) खण्ड 1 : देवकीनन्दन खत्री  part 2

भूतनाथ (उपन्यास) खण्ड 1 : देवकीनन्दन खत्री part 2 दूसरा भाग : पहिला बयान रात बहुत कम बाकी थी जब बिमला और इन्दु लौट कर घर में आईं जहाँ कला को अकेली छोड़ गई थीं। यहाँ आते ही बिमला ने देखा कि उनकी प्यारी लौंडी चन्दो जमीन पर पड़ी मौत का इन्तजार कर रही है, …

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भूतनाथ (उपन्यास) खण्ड 1 : देवकीनन्दन खत्री

भूतनाथ (उपन्यास) खण्ड 1 : देवकीनन्दन खत्री

भूतनाथ (उपन्यास) खण्ड 1 : देवकीनन्दन खत्री पहिला भाग : पहिला बयान मेरे पिता ने तो मेरा नाम गदाधरसिंह रक्खा था और बहुत दिनों तक मैं इसी नाम से प्रसिद्ध भी था परन्तु समय पड़ने पर मैंने अपना नाम भूतनाथ रख लिया था और इस समय यही नाम बहुत प्रसिद्ध हो रहा है। आज मैं …

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कुसुम कुमारी (उपन्यास) : देवकीनन्दन खत्री Part 3

कुसुम कुमारी (उपन्यास) : देवकीनन्दन खत्री Part 3

कुसुम कुमारी (उपन्यास) : देवकीनन्दन खत्री Part 3 सत्ताईसवां बयान थोड़ी ही दूर जाने पर रनबीरसिंह को मालूम हो गया कि वे सब लोग भी उसी तरफ जा रहे हैं जिधर बालेसिंह गया है या जिधर से जानेवाले थे। यद्यपि रात का समय था मगर आगे-आगे मशाल की रोशनी रहने के कारण रनबीरसिंह ने उन …

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कुसुम कुमारी (उपन्यास) : देवकीनन्दन खत्री Part 2

कुसुम कुमारी (उपन्यास) : देवकीनन्दन खत्री Part 2

कुसुम कुमारी (उपन्यास) : देवकीनन्दन खत्री Part 2 सोलहवां बयान कालिंदी को पाकर जसवंत बहुत खुश हुआ। सबसे ज्यादे खुशी तो उसे इस बात की हुई कि उसने सोचा कि कालिंदी की सलाह और तरकीब से इस किले को फतह करके कुसुम कुमारी और रनबीर दोनों से समझूंगा। कालिंदी को अपने खेमे में छोड़ पहरेवालों …

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कुसुम कुमारी (उपन्यास) : देवकीनन्दन खत्री Part 1

कुसुम कुमारी (उपन्यास) : देवकीनन्दन खत्री Part 1

कुसुम कुमारी (उपन्यास) : देवकीनन्दन खत्री Part 1 पहला बयान ठीक दोपहर का वक्त और गर्मी का दिन है। सूर्य अपनी पूरी किरणों का मजा दिखा रहे हैं। सुनसान मैदान में दो आदमी खूबसूरत और तेज घोड़ों पर सवार साये की तलाश और ठंडी जगह की खोज में इधर-उधर देखते घोड़ा फेंके चले जा रहे …

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