ब्राह्मण की बेटी (बांग्ला उपन्यास) : शरतचंद्र चट्टोपाध्याय Part 3

ब्राह्मण की बेटी (बांग्ला उपन्यास) : शरतचंद्र चट्टोपाध्याय Part 3

ब्राह्मण की बेटी (बांग्ला उपन्यास) : शरतचंद्र चट्टोपाध्याय Part 3 प्रकरण 8 पूजा पाठ तथा सात्विक जलपान से निवृत्त होकर नीचे उत्तर आये धर्मावतार गोलोक चटर्जी किसी कार्यवश बाहर निकल ही रहे थे कि कुछ याद आ जाने के कारण लौट आये और एक बरामदे से दूसरे बरामदे में घूमने लगे। अचानक रुककर ज्ञानदा को …

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ब्राह्मण की बेटी (बांग्ला उपन्यास) : शरतचंद्र चट्टोपाध्याय Part 2

ब्राह्मण की बेटी (बांग्ला उपन्यास) : शरतचंद्र चट्टोपाध्याय Part 2

ब्राह्मण की बेटी (बांग्ला उपन्यास) : शरतचंद्र चट्टोपाध्याय Part 2 प्रकरण 4 संध्या का स्वास्थ्य पिछले कुछ दिनों से बिगड़ता जा रहा है, पिता के उपचार से लाभ होना, तो दूर रहा, उलटे हानि हो रही है। जगदधात्री डॉक्टर विपिन से सम्पर्क करने को कहती और संध्या असहमति में झगड़ा करती। आज शाम संध्या द्वारा …

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ब्राह्मण की बेटी (बांग्ला उपन्यास) : शरतचंद्र चट्टोपाध्याय Part 1

ब्राह्मण की बेटी (बांग्ला उपन्यास) : शरतचंद्र चट्टोपाध्याय Part 1

ब्राह्मण की बेटी (बांग्ला उपन्यास) : शरतचंद्र चट्टोपाध्याय Part 1 प्रकरण 1 मुहल्ले में घूमने-फिरने के बाद रासमणि अपनी नातिन के साथ घर लौट रही थी। गाँव की सड़क कम चौड़ी थी, उस सड़क के एक ओर बंधा पड़ा मेमना (बकरी का बच्चा) सो रहा था। उसे देखते ही बुढ़िया नातिन को चेतावनी देने के …

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