देहाती समाज (बांग्ला उपन्यास): शरतचंद्र चट्टोपाध्याय Part 2

देहाती समाज (बांग्ला उपन्यास): शरतचंद्र चट्टोपाध्याय Part 2

देहाती समाज (बांग्ला उपन्यास): शरतचंद्र चट्टोपाध्याय Part 2 अध्याय 11 दो दिनों से बराबर पानी बरस रहा था, आज कहीं जा कर थोड़े बादल फटे। चंडी मंडप में गोपाल सरकार और रमेश दोनों बैठे जमींदारी का हिसाब-किताब देख रहे थे कि सहसा करीब बीस किसान रोते-बिलखते आ कर बोले – ‘छोटे बाबू, हमारी जान बचा …

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देहाती समाज (बांग्ला उपन्यास): शरतचंद्र चट्टोपाध्याय Part 1

देहाती समाज (बांग्ला उपन्यास): शरतचंद्र चट्टोपाध्याय Part 1

देहाती समाज (बांग्ला उपन्यास): शरतचंद्र चट्टोपाध्याय Part 1 अध्याय 1 बाबू वेणी घोषाल ने मुखर्जी बाबू के घर में पैर रखा ही था कि उन्हें एक स्त्री दीख पड़ी, पूजा में निमग्न। उसकी आयु थी, यही आधी के करीब। वेणी बाबू ने उन्हें देखते ही विस्मय से कहा, ‘मौसी, आप हैं! और रमा किधर है?’ …

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