देहाती समाज (बांग्ला उपन्यास): शरतचंद्र चट्टोपाध्याय Part 2
देहाती समाज (बांग्ला उपन्यास): शरतचंद्र चट्टोपाध्याय Part 2 अध्याय 11 दो दिनों से बराबर पानी बरस रहा था, आज कहीं जा कर थोड़े बादल फटे। चंडी मंडप में गोपाल सरकार और रमेश दोनों बैठे जमींदारी का हिसाब-किताब देख रहे थे कि सहसा करीब बीस किसान रोते-बिलखते आ कर बोले – ‘छोटे बाबू, हमारी जान बचा …