पथ के दावेदार (बांग्ला उपन्यास) : शरतचंद्र चट्टोपाध्याय Part 10
पथ के दावेदार (बांग्ला उपन्यास) : शरतचंद्र चट्टोपाध्याय Part 10 अध्याय 10 भोजन की थाली उसी तरह पड़ी रही। उसकी आंखों से आंसू की बड़ी-बड़ी बूंदे गालों पर से झर-झर नीचे गिरने लगीं। अपूर्व की मां को उसने कभी देखा नहीं था। पति-पुत्र के कारण उन्होंने जीवन में बहुत कष्ट उठाया था। इसके अतिरिक्त उनके …