तुम कहोगे यही ? (ईश्वरवादी सोच अवैज्ञानिक)- हिंदी कविता -अजय शोभने

तुम कहोगे यही ?

(ईश्वरवादी सोच अवैज्ञानिक)

तुम कहोगे यही ? मैंने तुम्हें ठीक से पुकारा नहीं होगा !

बहुत सुना जग में, चीरहरण पर तुम आ जाते हो,
पर मेरी आबरू लुटती रही, और तुम आये नहीं हो !
तुम कहोगे यही ? मैंने तुम्हें ठीक से पुकारा नहीं होगा,
पर मैं कहूंगी, अब तुम ठीक से धर्म निभाते नहीं हो !

तुम कहोगे यही ? मैंने तुम्हें ठीक से पुकारा नहीं होगा !

बहुत सुना जग में, अग्नीपरीक्षा पर तुम आ जाते हो,
पर मैं जलती-तड़पती रही, फिर भी तुम आये नहीं हो !
तुम कहोगे यही ? मैने तुम्हें ठीक से पुकारा नहीं होगा,
पर मैं कहूंगी अब यही, तुम भरोसे के लायक नहीं हो !

तुम कहोगे यही ? मैंने तुम्हें ठीक से पुकारा नहीं होगा !

 

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