झाँसी की रानी-लक्ष्मीबाई : वृंदावनलाल वर्मा (उपन्यास) Part 5

झाँसी की रानी-लक्ष्मीबाई : वृंदावनलाल वर्मा (उपन्यास) Part 5

झाँसी की रानी-लक्ष्मीबाई : वृंदावनलाल वर्मा (उपन्यास) Part 5 21 नाटकशाला की ओर से गंगाधरराव की रूचि कम हो गई। वे महलों में अधिक रहने लगे। परंतु कचहरी-दरबार करना बंद नहीं किया। न्याय वे तत्काल करते थे- उलटा-सीधा जैसा समझ में आया, मनमाना। दंड उनके कठोर और अत्याचारपूर्ण होते थे। लेकिन स्त्रियों को कभी नहीं …

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झाँसी की रानी-लक्ष्मीबाई : वृंदावनलाल वर्मा (उपन्यास) Part 4

झाँसी की रानी-लक्ष्मीबाई : वृंदावनलाल वर्मा (उपन्यास) Part 4

झाँसी की रानी-लक्ष्मीबाई : वृंदावनलाल वर्मा (उपन्यास) Part 4 17 राजा गंगाधरराव और रानी लक्ष्मीबाई का कुछ समय लगभग इसी प्रकार कटता रहा। १८५० में (माघ सुदी सप्तमी संवत्‌ १९०७) वे सजधज के साथ (कंपनी सरकार की इजाजत लेकर!) प्रयाग, काशी, गया इत्यादि की यात्रा के लिए गए। लक्ष्मीबाई साथ थीं। उनको किले में बंद …

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झाँसी की रानी-लक्ष्मीबाई : वृंदावनलाल वर्मा (उपन्यास) Part 3

झाँसी की रानी-लक्ष्मीबाई : वृंदावनलाल वर्मा (उपन्यास) Part 3

झाँसी की रानी-लक्ष्मीबाई : वृंदावनलाल वर्मा (उपन्यास) Part 3 14 यथासमय मोरोपंत मनूबाई को लेकर झाँसी आ गए। तात्या टोपे भी साथ आया। विवाह का मुहूर्त शोधा जा चुका था। धूमधाम के साथ तैयारियाँ होने लगीं। नगरवाले गणेश मंदिर में सीमंती, वर-पूजा इत्यादि रीतियाँ पूरी की गईं। राजा गंगाधरराव घोड़े पर बैठकर गणेश मंदिर गए। …

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झाँसी की रानी-लक्ष्मीबाई : वृंदावनलाल वर्मा (उपन्यास) Part 2

झाँसी की रानी-लक्ष्मीबाई : वृंदावनलाल वर्मा (उपन्यास) Part 2

झाँसी की रानी-लक्ष्मीबाई : वृंदावनलाल वर्मा (उपन्यास) Part 2 8 झाँसी में उस समय मंत्रशास्त्री, तंत्रशास्त्री वैद्य, रणविद् इत्यादि अनेक प्रकार के विशेषज्ञ थे । शाक्त, शैव, वाममार्गी, वैष्णव सभी काफी तादाद में । अधिकांश वैष्णव और शैव। और ऐसे लोगों की तो बहुतायत ही थी जो ‘गृहे शाक्ता: बहिर्शैवा: सभामध्ये च वैष्णवा:’ थे। इन …

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झाँसी की रानी-लक्ष्मीबाई : वृंदावनलाल वर्मा (उपन्यास) Part 1

झाँसी की रानी-लक्ष्मीबाई : वृंदावनलाल वर्मा (उपन्यास) Part 1

झाँसी की रानी-लक्ष्मीबाई : वृंदावनलाल वर्मा (उपन्यास) Part 1 उदय 1. वर्षा का अंत हो गया। क्वार उतर रहा था। कभी-कभी झीनी-झीनी बदली हो जाती थी। परंतु उस संध्या के समय आकाश बिलकुल स्वच्छ था। सूर्यास्त होने में थोड़ा विलम्ब था। बिठूर के बाहर गंगा के किनारे तीन अश्वारोही तेजी के साथ चले जा रहे …

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सुब्रह्मण्यम भारती : व्यक्तित्व और कृतित्व : मंगला रामचंद्रन part 3

सुब्रह्मण्यम भारती : व्यक्तित्व और कृतित्व : मंगला रामचंद्रन part 3

Contents1 21. भारती और नारी तथा उनका दांपत्य जीवन2 22. समूचा लेखन व व्यक्तित्व के विभिन्न आयाम3 23. 20 नवंबर 1918 को कडलूर में कैद4 24. निर्धनता की पराकाष्ठा में कडैयम में वास5 25. दिसंबर 1920 में ‘स्वदेशमित्रन’ में पुनः आगमन6 26. 1921 में मंदिर के एक हाथी ने उठा कर पटक दिया7 27. 11 …

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सुब्रह्मण्यम भारती : व्यक्तित्व और कृतित्व : मंगला रामचंद्रन part 2

सुब्रह्मण्यम भारती : व्यक्तित्व और कृतित्व : मंगला रामचंद्रन part 2

Contents1 11. सूरत अधिवेशन में जाना2 12. स्वराज्य दिवस मनाना3 13. पुदुचैरी प्रवास व स्वदेशी का संबोधन पाना4 14. देशभक्त क्रांतिकारी वांछीनाथन द्वारा कलेक्टर एश की हत्या5 15. युवा शक्ति को स्वतंत्रता संग्राम से जोड़ना6 16. नीलकंठ ब्रह्मचारी7 17. भारती और युवा खून8 18. धनवान व धनहीन के समान रूप से दुलारे9 19. भारती और …

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सुब्रह्मण्यम भारती : व्यक्तित्व और कृतित्व : मंगला रामचंद्रन

सुब्रह्मण्यम भारती : व्यक्तित्व और कृतित्व : मंगला रामचंद्रन

Contents1 प्रस्तावना2 साक्षात्कार – श्रीमान एम.श्रीनिवासन जी से3 1. तत्कालीन दक्षिण भारत4 2. सरस्वती पुत्र का जन्म5 3. शिक्षा-दीक्षा6 4. तमिल प्रेम7 5. विवाह8 6. हाईस्कूल की शिक्षा9 7. काशी से गाँव वापसी10 8. साहित्य के शिक्षक11 9. सहायक संपादक12 10. बंगभंग आंदोलन व स्वराज्य की अवधारणा सुब्रह्मण्यम भारती : व्यक्तित्व और कृतित्व : मंगला …

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दो बहनें (उपन्यास) : रबीन्द्रनाथ टैगोर; अनुवादक : हजारी प्रसाद द्विवेदी

दो बहनें (उपन्यास) : रबीन्द्रनाथ टैगोर; अनुवादक : हजारी प्रसाद द्विवेदी

Contents1 शर्मिला2 नीरद3 ऊर्मिमाला4 शशांक5 ज्ञातव्य दो बहनें (उपन्यास) : रबीन्द्रनाथ टैगोर; अनुवादक : हजारी प्रसाद द्विवेदी शर्मिला स्त्रियाँ दो जाति की होती हैं, ऐसा मैंने किसी-किसी पंडित से सुना है। एक जाति प्रधानतया माँ होती है, दूसरी प्रिया। ऋतुओं के साथ यदि तुलना की जाय तो माँ होगी वर्षाऋतु यह जल देती है, फल …

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राजर्षि (उपन्यास) : रवींद्रनाथ टैगोर-अनुवाद : (जयश्री दत्त)  चौथा भाग 

राजर्षि (उपन्यास) : रवींद्रनाथ टैगोर-अनुवाद : (जयश्री दत्त)  चौथा भाग 

Contents1 राजर्षि (उपन्यास) : चौथा भाग : चौंतीसवाँ परिच्छेद2 राजर्षि (उपन्यास) : चौथा भाग : पैंतीसवाँ परिच्छेद3 राजर्षि (उपन्यास) : चौथा भाग : छत्तीसवाँ परिच्छेद4 राजर्षि (उपन्यास) : चौथा भाग : सैंतीसवाँ परिच्छेद5 राजर्षि (उपन्यास) : चौथा भाग : अड़तीसवाँ परिच्छेद6 राजर्षि (उपन्यास) : चौथा भाग : उनतालीसवाँ परिच्छेद7 राजर्षि (उपन्यास) : चौथा भाग : …

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