प्रेमाश्रम (उपन्यास) (भाग-2) : मुंशी प्रेमचंद
प्रेमाश्रम (उपन्यास) (भाग-2) : मुंशी प्रेमचंद 7. जब तक इलाके का प्रबन्धन लाला प्रभाशंकर के हाथों में था, वह गौस खाँ को अत्याचार से रोकते रहते थे। अब ज्ञानशंकर मालिक और मुख्तार थे। उनकी स्वार्थप्रियता ने खाँ साहब को अपनी अभिलाषाएँ पूर्ण करने का अवसर प्रदान कर दिया था। वर्षान्तर पर उन्होंने बड़ी निर्दयता से …