आजाद-कथा (उपन्यास) : रतननाथ सरशार – अनुवादक Part 11 – प्रेमचंद

आजाद-कथा (उपन्यास) : रतननाथ सरशार – अनुवादक Part 11 – प्रेमचंद

आजाद-कथा : भाग 2 – खंड 101 आजाद पाशा को इस्कंदरिया में कई दिन रहना पड़ा। हैजे की वजह से जहाजों का आना-जाना बंद था। एक दिन उन्होंने खोजी से कहा – भाई, अब तो यहाँ से रिहाई पाना मुश्किल है। खोजी – खुदा का शुक्र करो कि बचके चले आए, इतनी जल्दी क्या है? …

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आजाद-कथा (उपन्यास) : रतननाथ सरशार – अनुवादक Part 10 – प्रेमचंद

आजाद-कथा (उपन्यास) : रतननाथ सरशार – अनुवादक Part 10 – प्रेमचंद

आजाद-कथा (उपन्यास) : रतननाथ सरशार – अनुवादक Part 10 – प्रेमचंद आजाद-कथा : भाग 2 – खंड 91 जब रात को सब लो खा-पी कर लेटे, तो नवाब साहब ने दोनों बंगालियों को बुलाया और बोले – खुदा ने आप दोनों साहबों को बहुत बचाया, वरना शेरनी खा जाती। बोस – हम डरता नहीं थ, …

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आजाद-कथा (उपन्यास) : रतननाथ सरशार – अनुवादक Part 9 – प्रेमचंद

आजाद-कथा (उपन्यास) : रतननाथ सरशार – अनुवादक Part 9 – प्रेमचंद

आजाद-कथा (उपन्यास) : रतननाथ सरशार – अनुवादक Part 9 – प्रेमचंद आजाद-कथा : भाग 2 – खंड 81 एक दिन दो घड़ी दिन रहे चारों परियाँ बनाव-चुनाव हँस-खेल रही थीं। सिपहआरा का दुपट्टा हवा के झोंकों से उड़ा जाता था। जहाँनारा मोतिये के इत्र में बसी थीं। गेतीआरा का स्याह रेशमी दुपट्टा खूब खिल रहा …

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आजाद-कथा (उपन्यास) : रतननाथ सरशार – अनुवादक Part 8 – प्रेमचंद

आजाद-कथा (उपन्यास) : रतननाथ सरशार – अनुवादक Part 8 – प्रेमचंद

आजाद-कथा (उपन्यास) : रतननाथ सरशार – अनुवादक Part 8 – प्रेमचंद आजाद-कथा : भाग 2 – खंड 71 आजाद तो साइबेरिया की तरफ रवाना हुए, इधर खोजी ने दरख्त पर बैठे-बैठे अफीम की डिबिया निकाली। वहाँ पानी कहाँ? एक आदमी दरख्त के नीचे बैठा था। आपने उससे कहा – भाईजान, जरा पानी पिला दो। उसने …

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आजाद-कथा (उपन्यास) : रतननाथ सरशार – अनुवादक Part 7 – प्रेमचंद

आजाद-कथा (उपन्यास) : रतननाथ सरशार – अनुवादक Part 7 – प्रेमचंद

आजाद-कथा (उपन्यास) : रतननाथ सरशार – अनुवादक Part 7 – प्रेमचंद आजाद-कथा : भाग 2 – खंड 60 मियाँ शहसवार का दिल दुनिया से तो गिर गया था, मगर जोगिन की उठती जवानी देख कर धुन समाई कि इसको निकाह में लावें। उधर जोगिन ने ठान ली थी कि उम्र भर शादी न करूँगी। जिसके …

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आजाद-कथा (उपन्यास) : रतननाथ सरशार – अनुवादक Part 6 – प्रेमचंद

आजाद-कथा (उपन्यास) : रतननाथ सरशार – अनुवादक Part 6 – प्रेमचंद

आजाद-कथा (उपन्यास) : रतननाथ सरशार – अनुवादक Part 6 – प्रेमचंद आजाद-कथा : भाग 1 – खंड 51 कई दिन तक तो जहाज खैरियत से चला गया, लेकिन पेरिस के करीब पहुँचकर जहाज के कप्तान ने सबको इत्तिला दी कि एक घंटे में बड़ी सख्त आँधी आनेवाली है। यह खबर सुनते ही सबके होश-हवास गायब …

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आजाद-कथा (उपन्यास) : रतननाथ सरशार – अनुवादक Part 5 – प्रेमचंद

आजाद-कथा (उपन्यास) : रतननाथ सरशार – अनुवादक Part 5 – प्रेमचंद

आजाद-कथा (उपन्यास) : रतननाथ सरशार – अनुवादक Part 5 – प्रेमचंद आजाद-कथा : भाग 1 – खंड 41 हुस्नआरा मीठी नींद सो रही थी। ख्वाब में क्या देखती है कि एक बूढ़े मियाँ सब्ज कपड़े पहने उसके करीब आ कर खड़े हुए और एक किताब दे कर फरमाया कि इसे लो और इसमें फाल देखो। …

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आजाद-कथा (उपन्यास) : रतननाथ सरशार – अनुवादक Part 4 – प्रेमचंद

आजाद-कथा (उपन्यास) : रतननाथ सरशार – अनुवादक Part 4 – प्रेमचंद

आजाद-कथा (उपन्यास) : रतननाथ सरशार – अनुवादक Part 4 – प्रेमचंद आजाद-कथा : भाग 1 – खंड 31 एक दिन पिछले पहर से खटमलों ने मियाँ खोजी के नाक में दम कर दिया। दिन भर का खून जोंक की तरह पी गए। हजरत बहुत ही झल्लाए। चीख उठे, लाना करौली, अभी सबका खून चूस लूँ। …

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आजाद-कथा (उपन्यास) : रतननाथ सरशार – अनुवादक Part 3 – प्रेमचंद

आजाद-कथा (उपन्यास) : रतननाथ सरशार – अनुवादक Part 3 – प्रेमचंद

आजाद-कथा (उपन्यास) : रतननाथ सरशार – अनुवादक Part 3 – प्रेमचंद आजाद-कथा : भाग 1 – खंड 21 मियाँ आजाद रेल पर बैठ कर नाविल पढ़ रहे थे कि एक साहब ने पूछा – जनाब, दो-एक दम लगाइए, तो पेचवान हाजिर है। वल्लाह, वह धुआँधार पिलाऊँ कि दिल फड़क उठे। मगर याद रखिए, दो दम …

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आजाद-कथा (उपन्यास) : रतननाथ सरशार – अनुवादक Part 2 – प्रेमचंद

आजाद-कथा (उपन्यास) : रतननाथ सरशार – अनुवादक Part 2 – प्रेमचंद

आजाद-कथा (उपन्यास) : रतननाथ सरशार – अनुवादक Part 2 – प्रेमचंद आजाद-कथा : भाग 1 – खंड 11 एक दिन आजाद शहर की सैर करते हुए एक मकतबखाने में जा पहुँचे। देखा, एक मौलवी साहब खटिया पर उकड़ू बैठे हुए लड़कों को पढ़ा रहे हैं। आपकी रँगी हुई दाढ़ी पेट पर लहरा रही है। गोल-गोल …

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